Tuesday, May 13, 2014

काश...

काश तुम्हे न चाह पाना भी 
इतना ही आसान होता...

काश आँखें बंद करते ही तुम कहीं खो जाती
ना कोई नामोनिशान होता...

काश तुम्हारी यादों पर पहरा लग पाता
दिल दर्द से अनजान होता...

काश तुम्हारे ख़्वाबों के सितारे ना होते
साफ़ मेरी नींदों का आसमान होता...

No comments: