Friday, September 12, 2014

पुराना एल्बम

आज मैं फिर एक पुराने एल्बम से गुज़रा
आज मैने भुलाए से कुछ पलों को जी देखा

रोक कर देखा सरकती वक़्त की सुइयों को भी
और फिर भी दो दफा उस घड़ी को सही देखा

चेहरों में तस्वीरों के मुस्कान बहुत सी पायी
पर उन माथों पर ठहरी शिकन को नहीं देखा

जब किसी अनजानी सी हँसी पर नज़र ठिठकी
बरसों बाद दिल को कहीं और होश कहीं देखा

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