Thursday, June 9, 2016

पहचान हो नयी

पहचान हो नयी
पर शोहरत वही मिले
दस्तखत वही रहें
पर नाम बदल जाए

कुछ अजनबी भी हों
कुछ अपने साथ रहें
बेमानी बातों में
कई शाम निकल जाए

पता नया भले हो
पर डाकिया पुराना
जो मेरे नाम ख़त हो
मुझ तक पहुँच जाए

शर्तों के साथ माँगी
पर फिर भी ख्वाहिशें हैं
जो थोड़ा लड़खड़ाउं
तो वक़्त सम्हल जाए

- Manasvi 18th March 2016

No comments: