Thursday, June 9, 2016

चलो एक वादा कर लें...

चलो एक वादा कर लें...

मैं जहाँ थक के छाँव ढूँढूंगा
तुम आँचल लहराये मिलोगी
तुम जहाँ तनहा महसूस करोगी
मैं पास तुम्हारे ठहरूंगा

मैं जब जब तुम्हे पुकारूँगा
तुम मेरे करीब कहीं होगी
तुम जब हाथ बढ़ाओगी
मैं बाहें फैलाये मिलूंगा

पर ये भी तो मुमकिन है ना
कि इस वादे की उमर ना हो
जो मैंने तुमने सोचा है
उस सोच का कोई असर ना हो

और यूँ ही बीत जाएँ
ये पल इस इंतज़ार में
कि इक वादा था किसी का
जो पूरा होने की आस में
बस... दफन हो गया।

- 24 December 2015

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